चित्र व आलेख- विकास वैभव
Diwali (Deepavali)- दिवाली शरद ऋतु में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक पौराणिक उत्सव है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है। दिवाली एक दिन का पर्व नहीं अपितु पर्वों का समूह है। दशहरे के पश्चात ही दिवाली की तैयारियाॅं प्रारम्भ हो जाती हैं। कई दिन पूर्व से घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। दिवाली पर घर-बाजार सब स्वच्छ और सजे हुए दिखते हैं।

दिवाली से दो दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को धनतेरस मनाई जाती है। इस दिन नये बर्तन,सोना, चाॅंदी खरीदना शुभ माना जाता है। रात में तेरह दिये जलाये जाते हैं। आज के दिन यमराज और भगवान धनवन्तरी की पूजा की जाती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष चऊदश को नरक चैदस ( छोटी दिवारी ) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सरसों के चैदह दिये जलाकर घर के विभिन्न स्थानों पर रखते हैं। इस दिन को ‘‘छोटी दिवाली’’ भी कहते हैं।

कार्तिक माह की अमावस्य को दिवाली पर्व उत्साह, उल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। बुन्देलखण्ड में मनाये जाने वाले सभी पर्वों में ‘दिवाली’ का अत्यधिक महत्व है। माना जाता है कि इस दिन अयोध्या के राजा श्री राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासियों ने अपने प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित होकर घी के दिये जलाए थे। कार्तिक मास की वह अमावस्या की रात दियों की रोशनी में जगमगा उठी थी। तब से आज तक यह पर्व मनाया जाता है।

बुन्देलखण्ड में दिवाली पर दीवाल पर ‘सुराती’ का चित्रण कर पूजा की जाती है। इस के बाद मिट्टी के इक्कीस दिये जलाये जाते है, और गणेश-लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। चौक पूर कर पटे पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखी जाती है, और सामने चाॅंदी के सिक्के, आभूषण, सिन्दूर, नारियल, कौड़ी, खील-बतासे, फल, मिष्ठान आदि रखे जाते हैं। घर का मुखिया पूजा करके परिवार के सभी सदस्यों को टीका लगाकर रूपये देता है। सुराती को सारे दुखों का नाश करने वाला अति पराक्रमी माना गया है। वह न केवल लक्ष्मी प्राप्ति में सहायक होता है बल्कि उसे बनाये रखने व उसकी रक्षा करने में भी सहायता देता है। झाॅंसी में चित्योरी कलाकार दिवाली के अवसर पर पूजा के लिए कागज पर ‘पना’ (लक्ष्मी जी के चित्र) बनाते हैं।

त्योहार के दौरान लोग अपने घरों और कार्यस्थलों को दियों, मोमबत्तियों और झालरों से रोशन करते हैं। रंगोली द्वारा घर के फर्श की सजावट की जाती है। दिवाली प्रवासी भारतीयों के लिये भी एक प्रमुख त्योहार है। दिवाली के मुख्य दिन भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, माॅरीशस, म्यामार, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो आदि देशों में आधिकारिक अवकाश रहता है।

nice 🌈
Awesome👏👏
अति उत्तम प्रस्तुति, सङ्कर व रीति की महत्वपूर्ण व्याख्या। बधाई हो