Home स्थापत्य- मध्य प्रदेश तेली मन्दिर, ग्वालियर (म.प्र.)

तेली मन्दिर, ग्वालियर (म.प्र.)

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चित्र व आलेख- विकास वैभव

Teli Temple, Gwalior (M.P.)- ग्वालियर दुर्ग में स्थित तेली मन्दिर की ऊंचाई 100 फीट है। छत की वास्तुकला द्राविड़ीयन शैली की है, जब की नक्काशियां और मूर्तियाॅं उत्तर भारतीय शैली की हैं। इस की वास्तु शैली में हिन्दू और बौद्ध वास्तुकला का समिश्रण है।

इसका निर्माण 9 वीं या 10 वीं शताब्दी में हुआ था। तेली मन्दिर पहले विष्णु का मन्दिर था जो बाद में शिव का मन्दिर बन गया। मन्दिर के अन्दर देवियों, साॅपों, प्रेमी युगलों और गरुड़ की मूर्तियाॅं हैं। इस मन्दिर में हिन्दू धर्म की तीनो प्रमुख परम्पराओं शैव, वैष्णव तथा शक्तिवाद से सम्बन्धित चिन्ह और शिलालेख है।

सन् 1232 ई॰ में कुतबुद्दीन ऐबक और उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश की मुस्लिम सेना द्वारा जौहर के बाद लूटपाट में अन्य मन्दिरों के साथ यह भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, तब इनके पत्थरों का उपयोग एक मस्जिद बनाने में किया गया था, जिसे बाद में मराठा सेना ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। खण्डहर हो चुके इस मन्दिर की सन् 1881 से 1883 के मध्य ग्वालियर में तैनात एक अंग्रेज अधिकारी मेजर कीथ ने इस मरम्मत करवाई।
निकट के दर्शनीय स्थल- ग्वालियर दुर्ग, श्री पीताम्बरा पीठ (दतिया), दतिया दुर्ग, नरवर दुर्ग (शिवपुरी) आदि

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