चित्र व आलेख- विकास वैभव
Nag Panchami- नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी (नाग पांचे) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन दीवार पर गेरु द्वारा पांच सर्पो का चित्रण किया जाता है तथा बांबी पर जाकर पूजा की जाती है। इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। नाग देवता को प्रसन्न करने तथा परिवार को उनसे क्षति न पहुॅंचे ऐसी कामना की जाती हैं। इस दिन परम्परानुसार घरों में चूल्हे पर तबा नहीं चढ़ाया जाता है अर्थात पक्का भोजन बनाया जाता है।
जै होय शेषनाग महाराज, तुम दियो शक्ति आज।
अपने फन पै धरती धर खै, दऔ जीवन आज। जै होय शेषनाग महाराज
तुम भैया बलराम बने और कन्हैया को कीन्हो काज। जै होय शेषनाग महाराज
तुम लक्ष्मण बन मेघा से जूझे, शक्ति खाई राम के काज। जै होय शेषनाग महाराज
तुम हो काल समान भयंकर अब रक्षा है तुम्हारे हाथ। जै होय शेषनाग महाराज
हम सब तुम को करत प्रणाम, दीजों आशिष आज। जै होय शेषनाग महाराज
नाग पंचमी के दिन ही अनेक गाॅंव व कस्बों में कुश्ती का आयोजन होता है, जिस में आसपास के पहलवान भाग लेते है। इस दिन गाय, बैल आदि पशुओं को नदी, तालाब में ले जा कर नहलाया जाता है।

अति उत्तम आलेख, संस्कृति के लिए