चित्र व आलेख- विकास वैभव
Baruasagar Fort (Jhansi, u.p.)- सागर की भाँति लगभग 180 वर्ग किमी. क्षेत्र में विस्तृत विशाल झील के पश्चिमी तट पर विद्यमान लघु पहाङी पर बरुआसागर का किला निर्मित है। झाँसी खजुराहो मार्ग (ने.हा.-75) पर झाँसी से 23 किमी. दूर बरुआसागर में स्थित है यह दुर्ग। वर्तमान समय में यह किला पुरातत्व विभाग के अधीन एक संरक्षित स्मारक है, इसके पूर्व इस किले में बी.टी.सी. प्रशिक्षण विद्यालय संचालित था।

इस किले का निर्माण ओरछा नरेश उदेत सिंह (1689-1736 ई.) ने करवाया था। बरुआसागर प्राकृतिक सुषमा की दृष्टि से बुन्देलखण्ड का कश्मीर कहलाता है। बरुआसागर का नाम बरुआ नामक एक बङी झील के नाम पर रखा गया है। यह झील इतनी विशाल है कि इसका दूसरा छोर भी दिखाई नहीं देता है। इस झील का एक तटबंध भी राजा उदेत सिंह ने करवाया था। तटबंध की संरचना वास्तुकला और इंजीनियरिंग का एक अनूठा उदाहरण है। झील के किनारे बैठकर किले को देखना एक सुखद अनुभव है, वहाँ से वह बहुत ही खूबसूरत लगता है।

महाराजा गंगाधर राव एवं महारानी लक्ष्मीबाई द्वारा ग्रीष्म ऋतु प्रवास-स्थल के रूप में प्रयोग किए जाने वाले इस किले के विशाल परकोटे में 9 बुर्ज बने हैं। किला 2.5 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला है। किले के चारों ओर विशाल परकोटा बना है। किले के मध्य में 64×64 मीटर क्षेत्र में 30 मीटर ऊॅचा राजमहल विद्यमान है, जिसे पंचमहल कहा जाता है। पंचमहल के भू-तल पर 16 कक्ष, प्रथम तल पर 16 कक्ष, द्वितीय तल पर 22 कक्ष, तृतीय तल पर 5 कक्ष, चतुर्थ एवं पंचम तल पर 1-1 कक्ष निर्मित हैं। महल की मोटी-मोटी दीवारों के कारण कक्षों में वातानुकूलित मौसम आज भी विद्यमान रहता है। महल के द्वितीय तल पर दो ऑंगन का निर्माण हुआ है, जिसमें बङे ऑंगन में 500 से अधिक व्यक्ति बैठ सकते हैं। किले में तीन कुॅए भी मौजूद हैं। ग्रेनाइट से बने दो प्राचीन चन्देल कालीन मन्दिरों के खण्डहर झील के उत्तर-पूर्व में हैं, इन्हें घुघुआ मठ कहा जाता है।
निकट के दर्शनीय स्थल- जरायमठ (बरुआसागर), गढ़कुण्डार दुर्ग एवं टहरौली दुर्ग।
This fort is a Gem actually the Hidden treasures of Bundelkhand, but so many people do not knows exact details about it.
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बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी. राज्य सरकार इस किले पर heritage hotel बनाने का प्रयास कर रही है, जिससे खजुराहो जाने वाले पर्यटकों को किले में रुकने का लाभ मिल सके.
डॉ SK Dubey, पूर्व पुरातत्व अधिकारी, झाँसी मंडल
Adbhut 🙏🙏