Home स्थापत्य- मध्य प्रदेश लक्ष्मी मन्दिर, ओरछा (म.प्र.)

लक्ष्मी मन्दिर, ओरछा (म.प्र.)

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चित्र व आलेख- विकास वैभव

Laxmi Temple, Orchha (M.P.)- ओरछा झाॅंसी से 16 किमी॰ की दूरी पर म० प्र० की सीमा में स्थ्ति एक सुन्दर, धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल है। झाॅंसी-मानिकपुर रेलवे लाईन पर स्थित ओरछा रोड स्टेशन से ओरछा मात्र 6 किमी॰ की दूरी पर स्थित है। ओरछा में यह मन्दिर रामराजा मन्दिर से एक किमी॰ पश्चिम दिशा में पहाड़ी के ऊपर बना है जो दूर से दिखाई देता है। इस का निर्माण महाराजा मधुकर शाह ने करवाया था जिसे वीर सिंह जू देव ने 1618 ई॰ में पूर्ण करवाया। यह बाहर से देखने में त्रिकोण लगता है पर भीतर से चैकोर है।

मण्डप तथा प्रदक्षिणा वाली दालानों में चित्र बने हुये है। इस का प्रवेश द्वार पूर्वाभिमुखी है। यह दो मंजिला है तथा शिखर तीन मंजिला है। ऊपरी मंजिल में तीन द्वारों वाला झरोखा है। महाराजा पृथ्वीसिंह के समय की चित्र परम्परा ओरछा के इस मन्दिर की दालानों में ऊपर की ओर बने चित्रों में दिखाई देती है।

पूर्वी दालान में राम कथा, राज महल एवं शिकार दृश्य चित्रित है। दक्षिण में रासलीला, गज- लक्ष्मी, गजेन्द्र मोक्ष, भैरव व पंचमुखी शिव चित्रित है। पश्चिम में गज-लक्ष्मी, दुर्गा, हनुमान, कृष्ण, विष्णु व शिकार के चित्र बने है। राजाओं के चित्रों में क्षत्रियों जैसी दाढ़ी मूछों तथा आखों में ओज का प्रदर्शन जितनी सजीवता से हुआ है, उतना ही धार्मिक चित्रों में भाव प्रधानता, मौलिकता तथा जीवन्तता के दर्शन होते हैं। मन्दिर के मुख्य द्वार पर उत्कीर्ण आलेखन व चित्र भी अपने प्रकार के अलग ही हैं। इन आलेखनों व चित्रों में कत्थई पृष्ठभूमि पर सफेद रेखांकन है।
निकट के दर्शनीय स्थल- श्री रामराजा मन्दिर, सावन भादों स्तम्भ, हरदौल की बैठक, चतुर्भुज मन्दिर आदि।

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