चित्र व आलेख- विकास वैभव
Government Inter College, Jhansi (U.P.)- झाॅंसी नगर के ग्वालियर रोड पर सिद्धेश्वर मन्दिर के सामने स्थित राजकीय इण्टर कालेज का प्रारम्भ 1921 में हुआ था। प्रदेश का सबसे सुन्दर, विशाल एवं ऐतिहासिक यह राजकीय इण्टर कालेज 54 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। भवन के निर्माण में स्थानीय ग्रेनाईट तथा श्रीलंका से विशेष रूप से मंगवाये गये पत्थर का प्रयोग किया गया है। प्लास्टर के लिये चूना, सुर्खी, बेल पत्र, गोंद, काली उड़द व मोरम का मिश्रण पीसकर इस्तेमाल किया गया है। यह दस साल में बनकर तैयार हुआ था। उस समय विद्यालय के प्रधानाचार्य के. सी. भट्टाचार्य थे, आजादी के बाद अगस्त 1947 में एन. एल. तायल इस विद्यालय के प्रधानाचार्य हुये। अगर इतिहास में जाये, तो विद्यालय के गौरवशाली अतीत में यह भी उल्लेखनीय है कि तत्कालीन ब्रतानी जिला मजिस्ट्रेट जब अवकाश पर जाते थे तो जिले का प्रभार इस विद्यालय के प्रधानाचार्य को ही मिलता था। इस कालेज के वर्तमान प्रधानाचार्य सतीश कुमार सिंह हैं।

विद्यालय के भवन को हेरीटेज लुक देने की उ0 प्र0 के तत्कालीन मुख्यमन्त्री माननीय अखिलेश यादव ने घोषणा की थी। इसके लिये 14.93 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया था। जिससे भवन का प्लास्टर, फर्श, छत, छत के किनारे के पत्थर, खिड़की- दरबाजे बदले गये, सेंट्रल हाॅल का भी रूप संवारा गया। विद्यालय के सभी कमरों में पर्याप्त संख्या में ट्यूबलाईट व पंखें लगाये गये। स्कूल में बगीचों का सौन्दर्यीकरण के साथ ही मुख्य सड़क के किनारे बाउण्ड्रीवाल सहित भव्य प्रवेश द्वार भी बनाया गया। वर्तमान में स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत विद्यालय का आधुनिकीकरण कर प्रोजेक्टर एवं इण्टरनेट से सुसज्जित स्मार्ट क्लासेस संचालित हो रहीं है। बिजली की सुचारु व्यवस्था के लिये पर्याप्त सोलर पैनल लगाये गये हैं।

इस विद्यालय से पढ़ कर निकले छात्र आज देश विदेश में झाॅंसी का नाम रौशन कर रहे हैं, इन में प्रमुख हैं ओ० पी० रावत पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार, पी० के० अग्रवाल पूर्व मुख्य सचिव पश्चिम बंगाल, डा.प्रकाश सिंह विसेन पूर्व कुलपति जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, राजेन्द्र गुप्त प्रबन्ध सम्पादक दैनिक जागरण झाॅंसी, यशोवर्धन गुप्त निदेशक दैनिक जागरण झाॅंसी, मुकुन्द मेहरोत्रा समाजसेवी आदि। पूर्व मुख्य सचिव उ० प्र० सरकार आर० के० तिवारी की स्मृतियां भी इस विद्यालय से जुड़ी हुई हैं। उनके पिता गया प्रसाद तिवारी यहाॅं प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत रहे। इस विद्यालय ने राजकीय शिक्षक संघ, उ० प्र० के कुशल नेतृत्व के लिये स्व० केशव प्रसाद दुबे एवं गौरी शंकर शुक्ला जैसे दो महामन्त्री दिये। 1978 की यू० पी० बोर्ड परीक्षा में इस विद्यालय के छात्र संजीव अवस्थी ने प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
लगभग 1200 से अधिक छात्र संख्या वाले इस विद्यालय में लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शैक्षणिक योग्यता के साथ ही निष्ठावान, अनुशासित, चरित्रवान तथा दक्ष 38 शिक्षक शिक्षिकायें यहाॅं अध्यापन कार्य कर रहे हैं। शिक्षणेत्तर कार्यों के लिये 5 लिपिक एवं 8 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यहाॅं कार्यरत हैं।

आर्थिक रूप से सम्पन्न और विपन्न दोनों ही वर्गों के बच्चे एक ही वेश में विद्यालय आयें, इसके लिये गणवेश रखा गया है। छात्र सफेद शर्ट व खाकी पेन्ट पहनते हैं। कक्षा 6, 7 व 8 के छात्रों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, गणवेश तथा मध्यान भोजन की व्यवस्था है। विद्यालय में स्काउट, एन० सी० सी० व एस॰ पी॰ सी॰ संचालित है, शारीरिक विकास हेतु दैनिक व्यायाम कार्यक्रम भी संचालित होते है। इसके अतिरिक्त ओपन जिम, 400 मीटर का सिंथेटिक ट्रैक, अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित अत्याधुनिक स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स काॅम्पलेक्स भी यहाॅं बना हुआ है। समय समय पर शारीरिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। विद्यालय में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, कम्प्यूटर, भूगोल तथा टंकण एवं आशुलिपि की सुसज्जित प्रयोगशालायें हैं। विद्यालय में बाल साहित्य तथा उद्धरण सम्बन्धी पुस्तकों का विशाल पुस्तकालय है। यहाॅं दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिये हाॅस्टल भी संचालित है।

उत्तरदायित्व का भाव जगाने के लिये इस संस्था द्वारा विभिन्न जयन्तियों का आयोजन, विशेष व्यक्तियों के आगमन पर उन्हे सम्मान प्रदान करना तथा साहस और ज्ञानवर्धन हेतु विज्ञान प्रदर्शनी, निबन्ध, संगीत व चित्रकला प्रतियोगिता आदि विभिन्न शिक्षणेत्तर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। छात्रों को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थानों का शैक्षिक भ्रमण करा कर छात्रों का सामान्य ज्ञान कोश समृद्ध किया जाता है। विद्यालय के ओल्ड बाॅयज फाउन्डेशन द्वारा प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृति दी जाती है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य सतीश कुमार सिंह जी ने अवगत कराया है कि अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस-2025 पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये 65 वर्ष बाद छात्राओं को इस सत्र (2025-26) से राजकीय इण्टर कालेज, झाॅंसी में प्रवेश देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। यह बदलाव अब छात्राओं को नई रोशनी और दिशा प्रदान करेगी।

वर्ष 1921 में राजकीय इण्टर कालेज, झाॅंसी की स्थापना हुई थी। स्थापना वर्ष से ही यहाॅं छात्र-छात्रायें साथ पढ़ते थे। किन्हीं कारणों के चलते वर्ष 1960 में छात्राओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। तब से इसमें सिर्फ छात्र ही पढ़ते हैं। वर्तमान में इस विद्यालय में 17 शिक्षिकायें भी कार्यरत है, अतः महिला शिक्षिकाओं की मौजूदगी के कारण छात्राओं को भी यहाॅं प्रवेश देने पर लम्बे समय से विचार किया जा रहा था। अब इस सत्र (2025-26) में एक अप्रैल से छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी।

ऐतिहासिक एवं प्रतिष्ठित विधालय। इस विद्यालय का पुरातन छात्र होने पर हम भी गर्व महसूस करते है
Nice pic
Proud to be a product of this great institution which has produced gems to the nation
finest piece of art👍👍
Wonderful Photos
राजकीय इण्टर कॉलेज झांसी एक ऐतिहासिक धरोहर है, इसे संजोकर सुरक्षित रखना छात्र/छात्राओं के भविष्य के लिए अति आवश्यक है,
पूर्व मुख्यमंत्री मा० अखिलेश यादव जी जी का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस ऐतिहासिक धरोहर का सुंदरीकरण कराया।
One of the best n finest civil work….👌👌