चित्र व आलेख- विकास वैभव
Taj Mahal, Agra (U.P)- ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाॅं ने अपनी पत्नि मुमताज महल की याद में करवाया था। ताजमहल मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तुशैली फारसी, तुर्की, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। ताजमहल आगरा में यमुना नदी के दक्षिण तट पर हाथी दांत एवं सफेद संगमरमर से बना एक मकबरा है। इसका निर्माण 1632 में मुगल सम्राट शाहजहाॅं द्वारा अपनी पसंदीदा पत्नि मुमताज महल के मकबरे के लिये शुरू करवाया था।

दुनिया के इस अजूबे की वास्तुकला की कई खूबियों में से एक यह भी है कि चारों तरफ से कहीं से भी इसे देखने पर यह एक जैसा ही लगता है। इसके अलावा चारों तरफ के प्रवेश द्वारों पर उकेरी गई कुरान की आयतें नीचे से लेकर ऊपर तक देखने में एक ही आकार की लगतीं हैं। प्रेम के इस अद्भुत प्रतीक के निर्माण के लिये शाहजहाॅं ने इटली से लेकर पर्शिया तक के 37 दक्ष कारीगर बुलवाये थे। 37 दक्ष कारीगरों की देखरेख में करीब 20 हजार मजदूरों ने काम किया था। संगमरमर के पत्थरों पर बारीक नक्काशी के अलावा कीमती पत्थरों की पच्चीकारी लोगों का ध्यान बरबस खींच लेती हैं। लाजावर्द, स्फटिक, मोती, गोमेद और पन्ना से खूबसेरत बेल-बूटे तथा ज्यामितीय डिजाईन उकेरी गई हैं।

लाहौरी पर्शियन थे और उन्हें ईरान से बुलवाया गया था। इसके अलावा पत्थर पर डिजाईन तराशने के लिये मध्य एशिया से कारीगर बुलवाये गये थे। इसके निर्माण में 28 किस्म के पत्थरों का प्रयोग किया गया था। ये पत्थर बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, मिश्र, रूस और ईरान आदि कई देशों के अलावा राजस्थान से मंगाये गये थे। इन पत्थरों का ही कमाल है कि ताजमहल एक दिन में तीन रंग बदलता है, सुबह गुलाबी, दिन में सफेद और पूर्णिमा की रात को सुनहरा नजर आता है।

यह हैरानी की बात है कि ताजमहल की इमारत एक लकड़ी पर बनाई गई है। इस लकड़ी को नमीं की जरूरत होती है। जैसे जैसे इसे नमीं मिलती है ये और मजबूत होती है। यही कारण है कि ताजमहल का निर्माण यमुना नदी के किनारे किया गया। इसके चारों तरफ चार मीनारें बनाई गई हैं जो ताजमहल को सन्तुलन देती हैं। इन मीनारों को बाहर की तरफ हल्का सा झुकाव दिया गया है ताकि आपदा के समय ये मीनारें मकबरे पर न गिरकर बाहर की ओर गिरें। ताजमहल के फब्बारों के नीचे एक टैंक लगा है, टैंक भरने के बाद दबाब बनने पर ये फब्बारे एक साथ पानी छोड़ते हैं।

ताजमहल को सन् 1983 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया था। यूनेस्को के अनुसार ताजमहल भारत में मुस्लिम कला का गहना और दुनिया की विरासत की सर्व भौमिक प्रशंसनीय कृतियों में से एक है। सन् 2007 में इसे विश्व के नये 7 आश्चर्य (2000-2007) का प्रथम विजेता घोषित किया गया था।
अद्भुत स्मारक स्थल