चित्र व आलेख- विकास वैभव
Jama Masjid, Erach (Jhansi, U.P.)- झाँसी-कानपुर मार्ग पर स्थित पूॅछ कस्बे (ने.हा.-25) से दक्षिण दिशा में 15 किमी. दूर एरच कस्बे में यह मस्जिद स्थित है। शिलालेख के अनुसार मस्जिद का निर्माण 711 हिजरी सम्बद में हुआ था। इसका जीर्णोद्धार मुगल काल में हुआ। सल्तनत काल में एरच इस्लामिक अध्ययन का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। इस अवधि में यहाँ अनेक प्रसिद्ध मुस्लिम फकीर एवं विद्वानों का आगमन हुआ। चिश्ती निजामुद्दीन औलिया के शिष्य चिश्ती शेख यूसुफ यहीं के निवासी थे।
मस्जिद के बीच के गुम्बद के चारों ओर छोटे-छोटे गुम्बद हैं, बङे गुम्बद का भार स्तम्भों पर आधारित है। बीच का दालान अपने आकार प्रकार तथा ऊँचाई के कारण बङा भव्य लगता है। सभी गुम्बद अर्धगोलित हैं, और इनके ऊपर बहुत बङा पद्मकोष बनाया गया है। गुम्बद की मेहराबदार डाट एक के ऊपर एक उठते हुए छज्जों पर टिकी हुई है। मस्जिद का बङे पैमाने पर जीर्णोद्धार मुगल काल में हुआ है।
आज से कई सौ साल पहले सेनापति मलिक काफूर ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था, इसमें लगे हुए पत्थर आज भी इसकी प्राचीनता की पुष्टि करते हैं। बताते हैं कि सन् 1526 ई. में बाबर भी यहाँ रुका था, जब वह चन्देरी के खंगार राजा मेदनी राय से युद्ध करने जा रहा था।
निकट के दर्शनीय स्थल- एरच दुर्ग, रामजानकी मन्दिर (सिंगार), पठामढ़ी मन्दिर (ठर्रों), वाराही देवी मन्दिर (कैरोखर), गुरसराय दुर्ग आदि।
Very important information