चित्र व आलेख- विकास वैभव

Suraj Prasad Government Inter College, Jhansi (U.P.)- अंग्रेजों के समय में सेठ सूरज प्रसाद झाॅंसी के जाने माने ठेकेदार, गवर्मेन्ट व आर्मी के सप्लायर थे। आप खत्री समाज से थे। उस समय अंग्रेजों ने अपने मनोरंजन के लिये एक क्लब बना रखा था, जिसका नाम था झाॅंसी क्लब लिमिटेड कम्पनी। झाॅंसी के कई संभ्रान्त नागरिक सेठ सूरज प्रसाद, रायबहादुर सुखलाल, रायबहादुर छज्जू सिंह, आर्मी ड्रेस स्पलायर जसौरिया एवं श्याम सुन्दर शर्मा आदि भी उस क्लब के शेयर होल्डर थे। किन्तु अंग्रेजी कानून के अनुसार क्लब में भारतीयों का प्रवेश वर्जित था, अतः सेठ सूरज प्रसाद ने क्लब के सारे शेयर खरीद लिये। तब सेठ सूरज प्रसाद को क्लब में प्रवेश की अनुमति तो मिल गई, किन्तु खेलने की मनाही थी। अन्ततः सन् 1916 ई. में सेठ सूरज प्रसाद ने इस स्थान पर सिलब्रांड क्लब की स्थापना की। देश की आजादी के बाद सन् 1952 ई. में वर्तमान न्यू झाॅंसी क्लब बना। पहले क्लब जाने के लिए जजी परिसर से होकर जाना पड़ता था, बाद में अलग से सड़क बनाई गई।


सेठ सूरज प्रसाद का स्वर्गवास हो जाने के बाद इनकी धर्मपत्नि तुलसाबाई ने रायबहादुर सुखलाल को पचहत्तर हजार रुपये देकर इस स्थान पर एक बालिका विद्यालय खोलने की इच्छा जाहिर की। बालिका विद्यालय खोलने के लिये ये भवन और जमीन सूरज प्रसाद जी की धर्मपत्नि ने दान की थी, किन्तु शर्त यह थी कि विद्यालय का नाम उनके पति सूरज प्रसाद जी के नाम से होगा। इसलिए विद्यालय का नाम सूरज प्रसाद जी के नाम पर रखा गया था।
सूरज प्रसाद राजकीय बालिका इण्टर कालेज, झाॅंसी की शुरुआत स्न 1943 में हुई थी। हाईस्कूल का पहला बैच स्न 1944 में पास हुआ। स्न 1951 में इण्टरमीडिएट की मान्यता मिली। जिस बिल्डिंग में विद्यालय चल रहा है, उसमें अंग्रेजों के समय क्लब चलता थ। अतः विद्यालय के हर कक्षा-कक्ष में फायर प्लेस देखने को मिल जाएंगे, इसके साथ ही इस विद्यालय की फ्लोरिंग भी लकड़ी की है जो अंग्रेजों के जमाने में हुआ करती थी। छत भी बहुत ऊॅंची तथा खपरैल की बनी हुई है। इस बिल्डिंग के एक हाल में डांसिंग फ्लोर है। अब अंग्रेजों के समय की यह बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है।
निकट के दर्शनीय स्थल- स्टार फोर्ट, सेन्ट ज्यूड्स चर्च, गुसांईं मन्दिर समूह आदि

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