BUNDELI VAIBHAV
Thursday, August 7, 2025
  • Home
  • Gallery
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
No Result
View All Result
  • Home
  • Gallery
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
No Result
View All Result
BUNDELI VAIBHAV
No Result
View All Result

समथर का किला (झाॅंसी)

Anukrati Singh by Anukrati Singh
August 6, 2025
in स्थापत्य- झाँसी
0
2

चित्र व आलेख- विकास वैभव

झाॅंसी-कानपुर मार्ग पर मोंठ ( ने॰ हा॰-25 ) से उत्तर में 15 किमी॰ की दूरी पर समथर में स्थित है यह आदर्श मैदानी दुर्ग ,जिस का निर्माण 18 वीं शताव्दी का है। सत्रहवीे शताब्दी में बुन्देलखण्ड छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था, दतिया के श्री भगवान राय के काल में समथर राज्य अस्तित्व में आया। पूर्व में समथर बुन्देलखण्ड की छोटी सी रियासत थी। दतिया के महाराजा इन्द्रजीत सिंह के शासन काल में दतिया की गद्दी के लिये झगड़ा हुआ था। उस समय महाराजा इन्द्रजीत सिंह की नन्हे शाह गूजर ने बहुत सहायता की थी। जिसके उपलक्ष्य में इनके पुत्र मदन सिंह को समथर की किलेदारी और ‘राजधर’ की पदवी सौंपी गई, साथ ही इनके पुत्र देवी सिंह को पाॅंच गाॅवों की जागीर भी दे दी गई थी। कालान्तर में समथर स्वतन्त्र रूप से सुदृढ़ राज्य के रूप में स्थापित हो गया।

यहाॅं चित्रकारी के साथ साथ स्थापत्य एवं मूर्तिकला का भी विकास हुआ। समथर के किले में चौड़रा जू की बैठक, किले के अनेक कक्षों एवं बरामदों में ऐतिहासिक, सामाजिक तथा रामायण पर आधारित चित्रण किया गया है। यहाॅं चित्रकारी के साथ साथ स्थापत्य एवं मूर्तिकला का भी विकास हुआ। जिसका श्रेय यहाॅं के कलाकार सुखलाल, उनके पुत्र खुमान, खुमान के पुत्र सींगरी के अतिरिक्त शब्दल, लटोरे, ग्यासी तथा रामलाल माते को है। समथर के महल में टाइल्स का अलंकरण उपलब्ध है, जो बुन्देलखण्ड में सर्वप्रथम उदाहरण है। टाइल्स बनाने की कला का ज्ञाता समथर का बुलकिया परिवार है। आपके यहाॅं गत पाॅंच पीढ़ी से यह कला होती आई है। इनके पूर्वजों ने टाइल्स बनाने की यह कला एक अज्ञात वृद्धा से सीखी थी।

समथर राज्य के महाराजा हिन्दूपत सिंह तृतीय (1827-90ई.) के समय में बेतवा नहर (1882 ई.) बनी थी। महाराजा चतुर सिंह (1890-96 ई.) ने मुआवजा पाया था। समथर राज्य से 1884 ई. में मध्य रेलवे निकली।
निकट के दर्शनीय स्थल- विजयगढ़ की बावली, अम्मरगढ़ का किला, बाराखम्भा, कोंच आदि।

Previous Post

रामपुरा का किला (जालौन)

Next Post

बाल व्यास मन्दिर, कालपी (जालौन)

Next Post

बाल व्यास मन्दिर, कालपी (जालौन)

चौरासी गुम्बद, कालपी (जालौन)

Comments 2

  1. Devender singh says:
    8 months ago

    So realistic..
    Thanx to vikas vaibhav for his dedication towards art and culture of buldekhand

    Reply
  2. Rajiv Kumar Trivedi says:
    4 months ago

    Very nice article on Samthar fort, Jhansi

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Trending
  • Comments
  • Latest

नैना देवी मन्दिर, नैनीताल (उत्तराखण्ड)

August 6, 2025

नाग पंचमी

August 6, 2025

जगम्मनपुर का किला (जालौन)

August 6, 2025

कजरियां (भुजरियां)

August 6, 2025

राजकीय इण्टर कालेज, झाँसी (उ.प्र.)

7

चित्रकार विकास वैभव सिंह  

6

लक्ष्मी मन्दिर, ओरछा (म.प्र.)

4

बरुआसागर का किला (झाँसी)

3

कजरियां (भुजरियां)

August 6, 2025

नाग पंचमी

August 6, 2025

नैना देवी मन्दिर, नैनीताल (उत्तराखण्ड)

August 6, 2025

वट सावित्री व्रत (बरा-बरसात)

August 6, 2025

Welcome to 'Bundeli-Vaibhav', We are dedicated to the Art, culture and architecture of Bundelkhand. This Blog is the collection of some Bundeli Miniature, Folk art, Sketch and Paintings etc.The purpose of this Blog is to enhance the value of historical Bundelkhand. Today, whenever culture is discussed in the whole world, India's name remains above all and Bundelkhand is very rich in this matter. Through our work and your support, Bundeli-Vaibhav aims to create a platform to help Indians and India lovers the many facets of this great Bundelkhand.

Categories

  • अतुल्य भारत
  • चित्रकला
  • महान व्यक्तित्व
  • रीति रिवाज़
  • शख्शियत
  • स्थापत्य- जालौन
  • स्थापत्य- झाँसी
  • स्थापत्य- मध्य प्रदेश
  • स्थापत्य- ललितपुर

Recent News

कजरियां (भुजरियां)

August 6, 2025

नाग पंचमी

August 6, 2025

© 2025 bundelivaibhav.com - developed by Rhino Media : +918418950053

No Result
View All Result
  • Home
  • Gallery
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Disclaimer

© 2025 bundelivaibhav.com - developed by Rhino Media : +918418950053

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
error: Content is protected !!
8