BUNDELI VAIBHAV
Friday, August 8, 2025
  • Home
  • Gallery
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
No Result
View All Result
  • Home
  • Gallery
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
No Result
View All Result
BUNDELI VAIBHAV
No Result
View All Result

टोढ़ी-फतेहपुर का किला (झाँसी)

Anukrati Singh by Anukrati Singh
August 6, 2025
in स्थापत्य- झाँसी
0
0

चित्र व आलेख- विकास वैभव

   Todhi-Fatehpur Fort (Jhansi)- गुरसराय मार्ग (ने॰ हा॰-75) पर ग्राम पण्डवाहा से पश्चिम में लगभग 7 किमी॰ की दूरी पर स्थित है ग्राम टोढ़ी फतेहपुर। टोढ़ी फतेहपुर दुर्ग लगभग 300 वर्ष पुराना है। यह जलीय दुर्ग है जिसका निर्माण पतरई नदी के किनारे किया गया है। पूर्व में यह दुर्ग गुसाइयों के पास था, बाद में बुन्देलों ने इस पर अपना अधिपत्य जमाया। बुन्देल राजा दीवान राय सिंह जू देव ने इसे गोसाइयों से जीतने पर विजयोत्सव में पहाड़ी के नीचे फतेहपुर ग्राम की नींव डाली थी। कालान्तर में यह टोड़ी-फतेहपुर जागीर बनीं। यह किला पहाड़ पर बना हुआ है, इसके एक ओर तालाब, दूसरी ओर पक्की खाई तथा तीसरी ओर पहाड़ है। किला तीन हिस्सों में बना है, जिसकी बनावट से मुगलकाल, राजस्थानी कला तथा अंग्रेजी शासन के समय का निर्माण देखने को मिलता है। किले में सुरक्षा के लिये दो कोट हैं जो लगभग 30 फुट ऊॅंचे हैं तथा तीन विशाल दरवाजे बने हुये हैं जिनकी ऊॅंचाई तीन मंजिल है। यहाॅं फौज के सिपाही तैनात रहा करते थे। किले के अन्दर कई सुरंगें हैं जो आज भी देखी जा सकती हैं। 

दीवान हर प्रसाद जू देव (1816-1858 ई.) ने किले का विस्तार किया एवं तिखण्डा मन्दिर निर्मित करवाया। इसका प्रथम खण्ड धनुशधारी का मन्दिर, द्वितीय खण्ड राज्य कुमार मन्दिर तथा तृतीय खण्ड छैल बिहारी का मन्दिर कहलाता है। मन्दिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर चूने के वज्रलेप से झालरें, वल्लरियां तथा प्रतिमायें उत्कार्ण की गई हैं। मन्दिर के अन्दर चित्रकला व नक्काशी देखने योग्य है, जिसमें रामायण व गीता की कथाओं पर आधारित 2000 से अधिक चित्र बने हुए हैं।
निकट के दर्शनीय स्थल- बंजारों का मन्दिर (स्यावरी), टहरौली दुर्ग, गुरसराय दुर्ग आदि।

Previous Post

वाराही देवी मन्दिर, कैरोखर (झाँसी)

Next Post

अम्मरगढ़ का किला (झाँसी)

Next Post

अम्मरगढ़ का किला (झाँसी)

चम्पतराय का महल, कचनेव (झाँसी)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Trending
  • Comments
  • Latest

नैना देवी मन्दिर, नैनीताल (उत्तराखण्ड)

August 6, 2025

नाग पंचमी

August 6, 2025

जगम्मनपुर का किला (जालौन)

August 6, 2025

कजरियां (भुजरियां)

August 6, 2025

राजकीय इण्टर कालेज, झाँसी (उ.प्र.)

7

चित्रकार विकास वैभव सिंह  

6

लक्ष्मी मन्दिर, ओरछा (म.प्र.)

4

बरुआसागर का किला (झाँसी)

3

कजरियां (भुजरियां)

August 6, 2025

नाग पंचमी

August 6, 2025

नैना देवी मन्दिर, नैनीताल (उत्तराखण्ड)

August 6, 2025

वट सावित्री व्रत (बरा-बरसात)

August 6, 2025

Welcome to 'Bundeli-Vaibhav', We are dedicated to the Art, culture and architecture of Bundelkhand. This Blog is the collection of some Bundeli Miniature, Folk art, Sketch and Paintings etc.The purpose of this Blog is to enhance the value of historical Bundelkhand. Today, whenever culture is discussed in the whole world, India's name remains above all and Bundelkhand is very rich in this matter. Through our work and your support, Bundeli-Vaibhav aims to create a platform to help Indians and India lovers the many facets of this great Bundelkhand.

Categories

  • अतुल्य भारत
  • चित्रकला
  • महान व्यक्तित्व
  • रीति रिवाज़
  • शख्शियत
  • स्थापत्य- जालौन
  • स्थापत्य- झाँसी
  • स्थापत्य- मध्य प्रदेश
  • स्थापत्य- ललितपुर

Recent News

कजरियां (भुजरियां)

August 6, 2025

नाग पंचमी

August 6, 2025

© 2025 bundelivaibhav.com - developed by Rhino Media : +918418950053

No Result
View All Result
  • Home
  • Gallery
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Disclaimer

© 2025 bundelivaibhav.com - developed by Rhino Media : +918418950053

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
error: Content is protected !!
3