चित्र व आलेख- विकास वैभव
Jahangir Palace, Orchha (M.P.)- ओरछा झाॅंसी से 16 किमी॰ की दूरी पर म० प्र० की सीमा में स्थ्ति एक सुन्दर, धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल है। झाॅंसी-मानिकपुर रेलवे लाईन पर स्थित ओरछा रोड स्टेशन से ओरछा मात्र 6 किमी॰ की दूरी पर स्थित है। इसके आसपास के क्षेत्र में घना जंगल है, यहाॅं इमारती एवं जलाऊ लकड़ी प्रचुर मात्रा में पैदा होती है। जहाॅंगीर महल का निर्माण महाराजा वीर सिंह जू देव प्रथम ने 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट जहाॅंगीर के सम्मान में करवाया था। यह 220 फीट की वर्गाकार जगह में बना हुआ पाॅंच मंजिला एक चमत्कारी महल है। इस महल में कुल 236 कमरे है। 100 कमरे तलघर में तथा 136 ऊपर है। महल में हिन्दू एवं मुगल स्थापत्य कला के समन्वय है। यह महल जाली अलंकरण एवं हाथियों की आकृतियों के साथ मुख्य प्रवेश द्वार के लिये प्रसिद्ध है।

महल का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा की ओर है। प्रवेश द्वार पर भी हिन्दू एवं मुगल स्थापत्य का सुन्दर नमूना देखने को मिलता है। प्रवेश द्वार के ललाट बिम्ब पर गणेश जी की लघु प्रतिमा दो पूजक स्त्रियों के साथ तथा दोनों तरफ सरस्वती जी को अंकित किया गया है। मेहराब एवं पुष्पीय अलंकरण मुगल स्थापत्य के अनुक्रम में किया गया है। प्रवेश द्वार के दोनों तरफ एक-एक विशाल हाथी जो घंटी एवं फूल की माला लिए अंकित किया गया है। महल के कुछ कक्षों में भित्ति चित्र हैं जिसमें कृष्ण को गोपियों के साथ बांसुरी बजाते तथा अन्य कक्षों में भगवान राम, महाराजा वीर सिंह जू देव के चित्रों को अंकित किया गया है।
निकट के दर्शनीय स्थल- राजा महल, राय प्रवीण महल, श्री रामराजा मन्दिर, सावन भादों स्तम्भ, हरदौल की बैठक, चतुर्भुज मन्दिर, लक्ष्मी मन्दिर आदि।

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