Home स्थापत्य- मध्य प्रदेश वीर सिंह महल, दतिया (म.प्र.)

वीर सिंह महल, दतिया (म.प्र.)

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चित्र व आलेख- विकास वैभव

  Veer Singh Palace, Datia (M.P.)- झाॅंसी से 28 किमी॰ दूर स्थित दतिया नगर ( ने॰हा॰-75 ) की पश्चिमी दिशा में एक टीले पर स्थित आलीशान सतखण्डा महल दूर से ही दतिया की पहचान कराता है। वीर सिंह जू देव महल का निर्माण बुन्देला काल का है। यह सम्पूर्ण राजभवन बुन्देली स्थापत्य कला का जीवन्त प्रतीक है। महल का निर्माण चूना तथा पत्थर से हुआ है। ग्रेनाइट की चट्टानों को काटकर भवन निर्माण का धरातल तैयार किया गया। इस भवन की पाॅंच मंजिलें है, बीच में बड़ा आंगन है। टेकदार छज्जे, झरोखेदार खिड़कियाॅं, बेलबूटे और पच्चीकारी सब मिलकर महल स्थापत्य का निखार उभर कर सामने आया है। पूरे महल में आयताकार वर्गाकार कमरों तथा सीढ़ियों का सिलसिला प्रति साम्य के कारण भूल-भुलइया जैसा है। महल का पूर्वोन्मुखी पाश्र्व सबसे अधिक भव्य और आकर्शक है। ढलान लिए गुम्बदों तथा कलात्मक झंझरी एवं जालियों से युक्त वातायन और झरोखों की आकृति लुभावनी है। किले के कोट की ऊॅंचाई 40 फुट और लम्बाई एक मील है। कोट में ऊॅंचाई पर तीरकश बने हुए हैं जिनसे होकर युद्ध में तीर या गोली चलाई जाती थी। बाहर बुर्ज की दीवारों और छतों के भीतरी भाग में कई प्रकार के बेलबूटे विभिन्न रंगों में बने हैं।  हाथी पर खड़े होकर भी ऊॅंचाई तक न पहॅंुचने वाले किले के प्रवेश द्वार में काफी मोटे और मजबूत लकड़ी के किबाड़ लगे हुए हैं, जिनमें ऊपर से लेकर नीचे तक लगभग 1-1 फुट की दूरी पर मोटे तथा नुकीले ‘हाथी चिक्कार’ लोहे के कीले लगे हुए हैं।
श्री विजय गोबिन्द जी का विशाल मन्दिर रनिवास के पास ही है। मन्दिर और रनिवास के बीच में एक विशाल भवन है जिसे दरबार हाॅंल कहा जाता है। ‘नई जगह’ के नाम से प्रसिद्ध महाराज का निवास स्थान भी इसी से सटा हुआ है। अमूल्य फर्श और कालीन के साथ साथ सजावट की कीमती वस्तुओं से सुसज्जित दरबार हाल में यहाॅं वहाॅं शेर चीते जैसे विभिन्न प्रकार के हिंसक जानवर मसाले भरे हुए रखे हैं। एक दीवार पर गेंड़ा हाथी का तथा उसके ठीक विपरीत वाली दीवार पर हप्पो चिड़िया (हप्पो पटोमस) का सिर टंगा हुआ है। नरेश गोबिन्द सिंह जू देव ने अपनी अफ्रीका यात्रा में हप्पो चिड़िया का शिकार किया था। छतों में नीचे गचकारी का काम तथा ऊपरी कक्षों में फारसी दरी शैली की चित्रकारी है जो अब फीकी पड़ गई है।
निकट के दर्शनीय स्थल- निकट के दर्शनीय स्थल- श्री पीताम्बरा पीठ (दतिया), नरवर दुर्ग, झाॅंसी दुर्ग आदि।

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