चित्र व आलेख- विकास वैभव
Jaraymath Temple, Baruasagar (Jhansi, u.p.)- इस क्षेत्र में सबसे भव्य प्रतिहार कालीन मन्दिर “जरायमठ” है। यह झाँसी से लगभग 20 किमी दूर झाँसी-खजुराहो मार्ग (ने.हा.-75) पर बरुआसागर कस्बे से 3 किमी पूर्व सङक के किनारे एक टीले पर स्थित है। प्रतिहार काल में लगभग नवीं शताब्दी में निर्मित यह देवी का मन्दिर है। यह पंचायतन शैली का मन्दिर है, इसके दोनों किनारों पर दो उप मन्दिर भी बने हुए हैं। इस का वर्गाकार पंचरथ गर्भगृह है। गर्भगृह के ऊपर क्षिप्तवितान छत का सुन्दर संयोजन है। पूर्व की दिशा में बना द्वार पूर्णरूपेण अलंकृत है। इसकी बाहरी दीवारों पर नवग्रह, अष्टदिकपाल एव॔ विभिन्न देवी देवताओं की आकृतियों का अंकन हुआ है। यहाँ पत्थर को मोम की भाँति तराशा गया है, जो उन्नत शिल्प का नमूना है। इस मन्दिर को ऊँची जगती पर न बनाकर समतल धरातल पर बनाया गया है। अधिष्ठान को और ऊँचाई देने के लिए पीठ पट्टिकाओं का समावेश किया गया है। आसपास जगह-जगह विभिन्न भग्नावशेष मिलते हैं।
निकट के दर्शनीय स्थल- बरुआसागर दुर्ग, गढ़कुण्डार दुर्ग एव॔ रामराजा मन्दिर (ओरछा) आदि।