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बाराखम्भा, कोंच (जालौन)

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चित्र व आलेख- विकास वैभव

Barakhambha, Konch (Jalaun,U.P.)- कोंच नगर के दक्षिण- पश्चिम छोर पर मुहल्ला भगतसिंह नगर में एक ऊँची पीठिका पर बनी चन्देल कालीन बारादरी “बाराखम्भा” के नाम से जानी जाती है। बङी माता मन्दिर के ठीक सामने स्थित बाराखम्भा दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान के लिए रातों-रात तैयार किया गया था। यह दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान और चन्देल शासक परमाल के बीच हुए युद्ध का मूक साक्षी है। जनश्रुतियों के अनुसार पृथ्वीराज चौहान और परमाल के बीच मलखान के सिरसागढ़ में भीषण युद्ध हुआ था। मलखान को पराजित करने के पश्चात पृथ्वीराज चौहान घायल होकर सेना सहित कोंच आ गये थे। पृथ्वीराज के साथ उनका सामन्त खेतसिंह खंगार भी था।

उनके विश्राम हेतु इस बारादरी तथा तालाब का निर्माण उनके सामन्त चामुण्डाराय तथा खेतसिंह खंगार ने करवाया था। पृथ्वीराज के विश्राम के लिए कोई उपयुक्त स्थान न होने के कारण, उनकी सेना ने आसपास से शिलाखण्ड एकत्रित करके रातों-रात एक ऊँचे टीले पर इस बाराखम्भा का निर्माण किया था, जो आज भी बङी माता मन्दिर के सामने स्थित है। बाराखम्भा का निर्माण करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखा गया था कि पृथ्वीराज चौहान की आराध्य माता भगवती के दर्शन उन्हें होते रहें। इस लिए बङी माता मन्दिर के ठीक सामने ही इस स्थल का चयन किया गया था। बाराखम्भा के दक्षिणी-पश्चिमी कोने पर पश्चिम की ओर एक शिलालेख रखा है, किन्तु इसे अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।

निकट के दर्शनीय स्थल- जगम्मनपुर का किला, रामपुरा का किला, नदीगाॅव दुर्ग आदि।

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