चित्र व आलेख- विकास वैभव
Mantrana Sthalee, Kalpi (Jalaun)- यह चन्देल कालीन किले के अवशेष हैं, और यमुना नदी के तट से लगभग 120 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। वर्तमान में यह वन विभाग का विश्राम गृह है। इसकी दीवारें 9 फीट मोटी और 35 फीट ऊँची हैं, और इसके पास ही एक कब्र भी है। सन् 1857 ई. का विद्रोह 5 माह तक यहीं से चलाया गया था। 2 जनवरी सन् 1858 को पेशवा नाना साहब के सेना प्रमुख तात्या टोपे ने विद्रोह के लिए अनुरोध पत्र लिखकर बुन्देलखण्ड के सभी राज्यों को बुलाया था। इसके बाद यह किला पेशवा नाना साहब, राव साहब, तात्या टोपे, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नवाब बाँदा, जालौन की रानी ताईबाई और राजा मर्दन सिंह के विद्रोह का प्रत्यक्ष गवाह रहा।
निकट के दर्शनीय स्थल- बाल व्यास मन्दिर (कालपी), लंका मीनार (कालपी), वीरबल की रंगशाला (कालपी), चौरासी गुम्बद (कालपी), रोपिणि गुरु की समाधि (इटौरा) आदि।
