चित्र व आलेख – विकास वैभव
Temple of Ropini Guru, Kukargaon (Jalaun, U.P.)- यह मन्दिर उरई (ने.हा.-25) से लगभग 10 किमी. दूर जालौन मार्ग पर ग्राम कुकरगाॅव में स्थित है। बाहर से सामान्य सा दिखने वाला कौङियों-चुने से निर्मित इस मन्दिर में लगभग 300 वर्ष प्राचीन भित्तिचित्रों का दुर्लभ खजाना है। तीन मंजिला इस वर्गाकार पूर्वाभिमुखी मन्दिर के मध्य में गर्भगृह तथा उसके चारों प्रदक्षिणा पथ की छत तथा दीवारें कलात्मक भित्तिचित्रों से अलंकृत हैं। गर्भगृह में श्री गणेश का एक दुर्लभ विग्रह है तथा भूमि तल में रोपिणि गुरु की काष्ठ पादुकायें रखी हैं।
रोपिणि गुरु प्रणामी पंथ (निरंजनी मत) के प्रवर्तक थे। यहाॅं पर ही श्री रोपिणी गुरू महाराज ने क्षेत्र की सुख- शान्ति और समृद्धि के लिये वर्षों तपस्या की थी। रोपिणि गुरु अकबर के समकालीन तथा दैवीशक्ति सम्पन्न महात्मा थे।
निकट के दर्शनीय स्थल- जगम्मनपुर का किला, रामपुरा का किला आदि।
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