चित्र व आलेख- विकास वैभव
Cenotaph of Ropini Guru, Itaura (Jalaun, UP.)- उत्तर प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत जनपद जालौन की कालपी तहसील में एक प्राचीन ग्राम है गुरु का इटौरा। यहाँ निरंजनी मत के प्रवर्तक रोपिणि गुरु की समाधि है। महर्षि अंगिरस के पुत्र बृहस्पति जो देवताओं के गुरु माने जाते हैं, यह उनकी तपस्थली भी रही है। यहाँ पर प्राचीन बृहस्पति कुण्ड (तालाब) के पास ही श्री रोपिणि गुरु महाराज ने क्षेत्र की सुख-शान्ति और समृद्धि के लिए वर्षों तपस्या की थी। रोपिणि गुरु अकबर के समकालीन तथा दैवीशक्ति सम्पन्न महात्मा थे। स्थानीय लोगों के अनुसार अकबर ने स्वयं इटौरा की यात्रा की थी तथा रोपिणि गुरु से प्रभावित होकर उनके निधनोपरान्त लाल पत्थर से उनकी समाधि एवं विस्तृत सरोवर का निर्माण कराया था।
राजस्थान से यमुना नदी के रास्ते नावों से लाल पत्थर कालपी लाये गये थे। वहाँ से बैलगाड़ियों द्वारा इन्हें इटौरा लाया गया। समाधि एक चबूतरे के आकार की है, जो मठिया के अन्दर है। मठिया में दो पिल्लों का चंदन का दरवाजा लगा है। सरोवर के मध्य एक ऊँची पीठिका पर बारादरी भी बनी है, साथ ही अकबर ने समाधि के पास ही अकबरपुर इटौरा नामक ग्राम भी बसाया।
निकट के दर्शनीय स्थल- चौरासी गुम्बद (कालपी), लंका मीनार (कालपी), व्यास मन्दिर (कालपी), मन्त्रणा स्थली (कालपी) आदि।