चित्र व आलेख- विकास वैभव
Lanka Meenar, Kalpi (Jalaun, U.P.)- झाँसी-कानपुर मार्ग (ने.हा.-25) पर कालपी नगर के गणेश गंज में निर्मित लंका मीनार उत्तर भारत में रावण की स्मृति में बना एकमात्र स्मारक है। 225 फीट ऊॅची मीनार में ऊपर पहुँचने के लिए 173 सीढ़ियां है। मीनार पर रावण की 80 फीट ऊॅची प्रतिमा बनी है। इस मीनार की बाहरी दीवार पर अर्धमूर्तियों के माध्यम से लंका काण्ड के अनेक कथा प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया है। इसका निर्माण कालपी के वकील बाबू मथुरा प्रसाद निगम ने सन् 1875 ई. में करवाया था। उन्होंने रामलीलाओं में लंकेश का जीवन्त अभिनय करते-करते अपना उपनाम भी ‘लंकेश’ रख लिया था। लंका मीनार का निर्माण तत्कालीन प्रसिद्ध कारीगर रहीम वक्श की देखरेख में स्थानीय कारीगरों द्वारा 20 वर्षों में पूरा हुआ। उस समय इस मीनार के निर्माण की लागत राशि लगभग 2 लाख रुपये आई थी।
निकट के दर्शनीय स्थल- व्यास मन्दिर (कालपी), मन्त्रणा स्थली (कालपी), वीरबल की रंगशाला (कालपी), चौरासी गुम्बद (कालपी), रोपिणि गुरु की समाधि (इटौरा) आदि।

अति उत्तम प्रस्तुति, किन्तु इसका पौराणिक सम्बन्ध है, आचार्य चतुरसेन की पुस्तक वयं रक्षामह:, के अनुसार कालपी पुलस्य ऋषि की तपोस्थली है, उन्होने ने एक मत्स्य कन्या से विवाह किया था, उनसे पुत्री का जन्म हुआ जो रावण की माता थी, अर्थात पुलस्य ऋषि रावण के नाना श्री थे, व रावण के दरबार। में सलाहकार रहे। इसी इतिहास के अनुरूप पुरानी ध्वस्त मीनार का पुनः निर्माण हुआ।