रानीमहल, झाँसी

चित्र व आलेख- विकास वैभव Rani Mahal, Jhansi (u.p.)- भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में रानीमहल का अहम स्थान है। रानी लक्ष्मीबाई द्वारा निवास के रूप में प्रयुक्त किए…

चित्रकार विकास वैभव सिंह  

बुन्देलखण्ड में कला और कलाकारों की यूं तो कोई कमी नहीं है लेकिन चित्रकला के क्षेत्र में विकास वैभव सिंह एक अलग स्थान रखते हैं। बुन्देलखण्ड की ऐतिहासिक इमारतों, लोककलाओं…

समाजसेवी वासुदेव सिंह

आलेख- अनुकृति सिंह Vasudev Singh, Social Worker, Lalitpur (m.p.) बुंदेलखण्ड सेवा संस्थान के मंत्री समाजसेवी वासुदेव सिंह ने मड़ावरा जैसे पिछड़े जंगली इलाके में सबसे गरीब, हासिये में जी रहे,…

गढ़कुण्डार दुर्ग

चित्रांकन व आलेख – विकास वैभव Garhkundar Fort (Niwadi, m.p.)- गढ़कुण्डार दुर्ग झांसी से 50 किमी. दूर निवाड़ी सेंदरी मार्ग पर ग्राम कुण्डार में स्थित है। जुझौती देश की राजधानी…

बुन्देली शैली

चित्र व आलेख- विकास वैभव सिंह बुन्देली शैली के रूप में अपभ्रंश शैली का पुनरुत्थान राजा मान सिंह तोमर (1486-1518 ई.) के दरबार में हुआ था। जो ओरछा की छत्र…

झाँसी का किला

आलेख- विकास वैभव सिंह Jhansi Fort (U.P.)- उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम छोर पर झाॅंसी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अति महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े…

बुन्देलखण्ड की चित्रकला

चित्र व आलेख- विकास वैभव बुंदेली शैली की पृष्ठभूमि में मदनपुर के चित्रण, ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर काल के चित्रण तथा खजुराहो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सिकंदर…

चित्योरी कला

चित्र व आलेख- विकास वैभव चित्योरी कला- ‘चित्योरी कला’ शास्त्रीय कला का गिरा हुआ रूप है, शस्त्रीय गुणों का हृास है अर्थात बुन्देलखण्ड की चित्रकला में शस्त्रीय गुणो का लोप…

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