आलेख- अदिति सिंह
Folk Artist Hemant Kumari, Jhansi- हेमन्त कुमारी का जन्म 6 सितम्बर, सन् 1970 को झाॅंसी जनपद के गुरसराय कस्बे में हुआ था। इण्टर तक की शिक्षा खैर इण्टर कालेज, गुरसराय में हुई तथा स्नातक की डिग्री बुन्देलखण्ड महाविद्यालय, झाॅंसी से प्राप्त की। इनके पिता सरकारी सेवा में थे, जिस कारण इन्हे बुन्देलखण्ड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में रहने का अवसर मिला। जहाॅं पर बुन्देली लोक-जीवन के सांस्कृतिक पक्ष का इनके ऊपर गहरा प्रभाव पड़ा। बालक-बालिकाओं द्वारा खेले जाने वाले झिंझिया, मामुलिया, सुआटा एवं टेसू आदि बाल क्रीड़ाओं में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ। सन् 1990 में इनका विवाह विकास वैभव सिंह से हुआ जो कि एक कुशल चित्रकार थे। एक कुशल चित्रकार का सानिध्य पाकर इनके अन्दर भी चित्रकला के प्रति रुचि जाग्रित हो गई।
बुन्देली लोक कथाओं पर आधारित बुन्देली लोक नाट्य झिंझिया, मामुलिया, सुआटा एवं टेसू की बहुत अच्छी जानकारी इन्हें थी। इन्होंने बुन्देली पारम्परिक आलेखन, लोककला एवं बुन्देली सांस्कृतिक विधाओं को नई पीढ़ी तक पहुॅंचाने का सराहनीय कार्य किया। पुलिन्द कला दीर्घा, झाॅंसी की आजीवन सदस्य के साथ ही प्रदर्शनी सचिव भी रहीं। पुलिन्द कला दीर्घा, झाॅंसी की कोणशैली के चित्रों की 14 कार्यशालाओं में इनका सक्रिय योगदान रहा। आप ने सन् 2004 में हेमन्त कुमारी हस्तकला केन्द्र की स्थापना कर बुन्देली शैली व लोककला के चित्रों का निर्माण व बिक्री का कार्य भी किया। सन् 2004 एवं 2007 में अ॰ भा॰ हस्तशिल्प प्रदर्शनी में सहभागिता की। सन् 2004 से कला-पर्व, आयुर्वेद झाॅंसी महोत्सव के आयोजन में अनवरत सक्रिय सहभागिता रही। 03 सितम्वर, सन् 2022 को कैन्सर की गम्भीर बीमारी के कारण अल्प आयु में इनका स्वर्गवास हो गया।
2004 में गिफ्ट पैक, बास्केट सज्जा प्रतियोगिता, कला-पर्व, आयुर्वेद झाॅंसी महोत्सव की संयोजक रहीं। 2005 एवं 2010 में मेहन्दी प्रतियोगिता, कला-पर्व, आयुर्वेद झाॅंसी महोत्सव की संयोजक रहीं। 2008 में कढ़ाई कार्यशाला, पुलिन्द कला दीर्घा, झाॅंसी की संयोजक रहीं। 2011 एवं 2012 में रंगोली प्रतियोगिता, कला-पर्व, झाॅंसी महोत्सव की संयोजक रहीं। 2013 में रंगोली, दीपक रंगोली, उरैन प्रतियोगिता, कला-पर्व, आयुर्वेद झाॅंसी महोत्सव की संयोजक रहीं। 2011 एवं 2012 में झिंझिया, मामुलिया, सुआटा एवं टेसू प्रतियोगिता, कला-पर्व, झाॅंसी महोत्सव की निर्णायक रहीं।
सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनियाॅं-
1- 2004 में बेतवा क्लब, झाॅंसी (पुलिन्द कला दीर्घा, झाॅंसी)
2- 2005, 06 में कला-पर्व, आयुर्वेद झाॅंसी महोत्सव
3- 2007 में झाॅंसी क्लब, झाॅंसी (पुलिन्द कला दीर्घा, झाॅंसी)
4- 2007, 08, 09- कला-पर्व, आयुर्वेद झाॅंसी महोत्सव
सम्मान व प्रशस्ति पत्र-
1- 2004 व 2005 में एम॰के॰एस॰ सुन्दरम्, जिलाधिकारी, झाॅंसी द्वारा
2- 2006 में एल॰वेंकटेश्वर लू, जिलाधिकारी, झाॅंसी द्वारा
3- 2007 में राजीव अग्रवाल, जिलाधिकारी, झाॅंसी द्वारा

भाभीजी को शत शत नमन