Home स्थापत्य- मध्य प्रदेश चतुर्भुज मन्दिर, ओरछा(म.प्र.)

चतुर्भुज मन्दिर, ओरछा(म.प्र.)

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चित्र व आलेख- विकास वैभव

Chaturbhuj Temple, Orchha (M.P.)- ओरछा झाॅंसी से 16 किमी॰ की दूरी पर म० प्र० की सीमा में स्थ्ति एक सुन्दर, धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल है। झाॅंसी-मानिकपुर रेलवे लाईन पर स्थित ओरछा रोड स्टेशन से ओरछा मात्र 6 किमी॰ की दूरी पर स्थित है। ब्राह्मण धर्म के मन्दिरों में यह अद्वितीय है। रामजानकी की मूर्ति पधारने के लिये 16 वीं शताब्दी में राजा मधुकरशाह ने इस में मरम्मत कार्य करवाकर अच्छी प्रकार बनवाया। मधुकर शाह (1556-1592) बुन्देला वंश के सबसे प्रतापी राजा हुए, जो सम्राट अकबर के समकालीन थे। मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे तथा उनकी पत्नी गणेशकुंवर राम की अनन्य भक्त थीं।

ऊॅंची पहाड़ी पर स्थित इस मन्दिर तक पहुॅंचने के लिये सोपान पथ है, जिस में गौड़वाना शैली के पत्थर का प्रयोग है। चन्देल मन्दिरों की भाॅंति गर्भगृह के ऊपर का शिखर सबसे ऊॅंचा है। मन्दिर वास्तुकला की दृष्टि से इस में देवालय के सभी अंग विद्यमान हैं पर प्रदक्षिणा पथ नहीं है। मन्दिर के महामण्डप में ऊपर जाने के लिये कई सोपान हैं और भूल-भुलैया जैसा स्वरुप प्रस्तुत करते हैं। प्रकाश आने के लिये बड़े बड़े वातायन हैं। मन्दिर में शिखरों और गुम्बदों की सुन्दर संयोजना हुई है। यह मन्दिर अपनी विशालता और भव्यता के लिये प्रख्यात है। गर्भगृह के प्रवेश द्वार के ऊपरी पट्टी पर विष्णु के अवतारों का चित्रण हुआ है। इनकी सभी आकृतियां पाश्र्वागत हैं, जिनमें जहाॅंगीरी पगड़ी, लम्बे जामें, तथा घुटने से कुछ ऊपर तक लम्बे कटि वस्त्र हैं। यहाॅं पन्ना के राजा श्री उमरेश जू ने सवा मन सोने का कलश लगवाया था।
निकट के दर्शनीय स्थल- श्री रामराजा मन्दिर, सावन भादों स्तम्भ, हरदौल की बैठक, लक्ष्मी मन्दिर आदि।

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