चित्र व आलेख- विकास वैभव
Talbehat Fort (Lalitpur)- झाॅंसी ललितपुर मार्ग (ने॰हा॰-26) पर झाॅंसी से 50 किमी॰ दूरी पर स्थित है तालबेहट का किला। चन्देरी तथा बार के द्वितीय राजा भारत शाह ने 1618 ई॰ में बनवाया था यह भारतगढ़ दुर्ग जिसे राजा मर्दनसिंह का किला भी कहा जाता है। किले का मुख्य द्वार बहुत ही भव्य है और इस पर सुन्दर नक्काशी उत्कीर्ण है।

किला एक विशाल क्षेत्र में फैले मानसरोवर तालाब के किनारे पर निर्मित है। तालाब में खिले असंख्य कमल पुष्पों का दृश्य देखने वालों को स्वर्ग की अनुभूति कराता हैं। पूर्वाभिमुख दुर्ग में दो परकोटे है। परकोटे में थोड़ी-थोड़ी दूर पर बुर्ज बनाये गये हैं। किले के अन्दर मुख्य सभा स्थल, विशेष तहखाने, विशाल बावड़ी, राजा-रानी निवास के साथ ही रियासत के मुख्य व्यक्तियों के रुकने के लिये भी स्थान बनाये गये थे। 1857 ई॰ के स्वतन्त्रता संग्राम में तालबेहट दुर्ग राजा मर्दन सिंह सहित रणवांकुरों के नियोजन संयोजन का प्रमुख केन्द्र था।
निकट के दर्शनीय स्थल- राजा मर्दन सिंह की बैठक (बिजरौठा), माताटीला बाॅंध, प्राचीन मकबरा (बार)।
